रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय कैबिनेट ने आज बर्खास्त 2621 शिक्षकों की बहाली का रास्ता आज साफ कर दिया। कैबिनेट ने सर्वसम्मति से आज बीएड डिग्री की वजह से बर्खास्त किए गए सहायक शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति पर मुहर लगा दी। 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों का सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन किया गया है।बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएडधारी सहायक शिक्षकों को छत्तीसगढ़ सरकार ने बर्खास्त कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि प्रायमरी के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीएड नहीं डीएलएड होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड डिग्री धारियों को अयोग्य माना गया। बिलासपुर हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन लगा दिया। इसी आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने बीएड डिग्री धारियों को सहायक शिक्षक बना दिया। हालांकि, कानूनी अड़चनों से बचने के लिए सशर्त नियुक्ति दी गई…आदेश में लिखा गया…नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेगा।यही वजह है कि बीएड धारी सहायक शिक्षकों को बर्खास्तगी के बाद कोई कानूनी मदद नहीं मिली। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिलना नहीं था और भर्ती इसी आधार पर हुई थी कि स्पेशल लीव पिटिशन में जो फैसला होगा, वह मान्य किया जाएगा।

बता दे कि, छत्तीसगढ़ में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने 18 अप्रैल को नया रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाकात की थी। यह मुलाकात पिछले 126 दिनों से सेवा, सुरक्षा एवं समायोजन की मांग को लेकर चल रहे धरना- प्रदर्शन के संबंध में हुई थी। सीएम साय से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, प्राइमरी स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए D.Ed अनिवार्य है। इसके चलते B.Ed डिग्रीधारियों को अयोग्य करार देते हुए बर्खास्त कर दिया गया था, हालांकि इससे पहले राज्य सरकार ने इन शिक्षकों की सशर्त नियुक्ति दी थी, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि, उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर रहेगी।